Tuesday, October 8, 2013

The Sunlit Path of Consciousness

 How beautiful is the sun smiling ...

amid the white pure clouds widely spreading rays...
Above is the blueness of the vast sky --Infinite ...
Below ...the earth- brown with tall trees growing upwards !!!
Amid the floral garden --a child plays with round marble balls !!!
This child could be the future Jesus or the young Krishnaa ?

The fairies of sky above --open-up the flowering buds ...
when the buds are ripened -they fill them with scents or fragrances heavenly  !!!
The dawn brings the messengers of peace n love ...
and those who adore the divine lights manifest ...
until some humans break open the flowers of paradise ...
and offer these flowers for devotion to their divine ?

We are surrounded with this mystery of Space /Galaxy ...
and wonder / marvel at the creator 's handicrafts ...
Oh How beautiful are the golden rays of the sun !!!
Let us discover the divine of our sunlit path ?
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Sunday, July 14, 2013

Travel photos take center stage in Nat Geo photo contest | MNN - Mother Nature Network

Travel photos take center stage in Nat Geo photo contest | MNN - Mother Nature Network

Sometimes --when U R astonished / surprised /amazed by The Nature 's myriad manifestations-- U discover / Realise that The divine energies are forever creating ...Evolving ...transforming our daily growth patterns ....Re-view for yourself ?  and please do share with family  n friends --Ecology Education truly with heart !!!

Sunday, May 5, 2013

                                   नव -चेतना के अंकुरित बीज
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 उपश्रीजित --आकाश  --लाता है सन्देश --नए बादलों  के समूह से  --वर्षा का आगमन !

भूतले  --पृथ्वी  के  कृशिवान ---धूप  में तपती  हरियाली के अंक़ुर  बोते  !

नव--सृजन की अभीप्सा से  --उपजे  शत -दल  औषध  के  भी  होते अंकुर ....

हे  किसान   अभी से  कमर --कस  के तैयार  हो  अनाज को  छाटने ....

दिव्य--कृष्ण  के गोपाला  भी  हरदिन --गौमाता की यशोदा की  दधि --सींचते ....

बहेंगी  --ब्रह्माण्ड  की गंगा  --से  --ओजस --बीज अंकुरित होंगे  ?

यहाँ  धरा  की  विधवा माताओं - की लाज भी  रखनी  --कृष्ण--भक्तों ने  ....
क्यूंकि  पुलकित सम्बोधि  के वीरों ने  अध्यात्म--तापस  सहज दिया ....

यहाँ धरती की कला--कुलवंत माँ ने भी  मृदुल--कथा वाचक को ''यशोदा --धनं --दान दिया ....

इसलिए --सभी की नैना --अँखियाँ  --खोजती --उस -कृष्ण के साक्षात्कार  को .....!!!

सुमन माँ की वीरांगनाओ ने  ---धैर्या--द्रवित हो--रुद्रा के कष्ट  को  सहा ..सहज ...

अब  सावित्र --पुत्रोंमें  -माँ दर्शन  की मृदु--वागिनी ---माते के भक्तो को  देंगी --भोज !!!

आर्य --आर्ष --के विदीश्वर  --देवों  ने गायत्री  माँ की  दुविधा में  बीजन --पुनः  देना होगा ?

नव सृजन  --की चेतना  सभी  --जागृत  --ज्योति --पाण्डेय की बलि  मत भूलना ....

बहुत  --दुखी  मन  से  ---स्त्री -नारी --महिला  की  आत्मा --रूह  अनेको  चेतना के बीज लाएगी ?

Thursday, January 17, 2013

एक  सूर्यांश सवित्तुर के प्रगट  होने की अभीप्सा है .....
ऐसा दिव्य --आत्माओं ने  श्रुत -आह्वान  से अनादि  -नादेश्वर  को पुकारा ..
प्रगट होने के पश्चात ...दिव्य --ज्योत सादृश्य  हमारे हृदयों में अति हर्ष ले आये ...
ऐसा वात्सल्य भाव की देवियों ने माँ जगदम्बे से हिरण्यगर्भ  को आधार  ग्रहण किया ....
पृथ्वी --भू गोलोक के वासुदेव कुटुंब ने  दिव्य-पुत्र-पुत्रियों की सुरक्षा  के उपाए बुने ....

अन्नपूर्णा माँ से भू -के कृषि -किसानों  ने सूर्य -अग्नि  अर्चित कर्म संभाले ...

सरस्वती माँ के स्तुति-वृन्द --गान के सुरों में नव -कोंपल -वल्लव्रिभि  अवतरित हुएय ...

ब्रह्मचर्य के  विद्यार्थियों  की उपासना --उपनिषद्  स्वाध्याय  सत्कृत्य  जगे ....

ऐसे दिव्य-आत्मन ...सूर्य- सवित्तुर ...अनादि-निधन विष्णु ....माँ जगदम्बे के सहस्त्र योगिनो
द्वारा  ..हमारे भू -गोलोक में प्रवेश हुआ  ..उत्तथ्या के शत-सौ सवित्त्र पुत्रों के जन्म ....

लेकिन ...वर्ष --साल पूर्ण होते ही ...महामृत्युंजय शिव की परीक्षा में  मृत्यु कोप से  भू -गोलोक के अभय --वीरों  को भी  परीक्षा देनी  होगी ?
क्या सुदर्शन -काल चक्र में अभिमन्यु को सही रण -नेति सीखनी होगी ?
वासुदेव --सुतम ..धैवं --कंस चारुण  मर्दनम ....
माँ यशोधरा की कन्याकुमारियों  को भी  ब्रह्मचर्य -व्रत धारण करना होगा ....?
माँ जगदम्बे की शक्ति  में  भारत के गुरुओं  में अग्रिम  -पहला ऋग्वेद यज्ञा होम सत्य से पूर्ण हो ?

रामायण के सतयुग के आगमन में माता जानकी वंदन की  धरती में प्रकोप भू -वंटन के लिए ?

महर्षि  वशिष्ठ के आश्रम में  पले  लव -कुश को भी  पुरुषोत्तम  राम की  व्याख्या पुन देना होगा ?

महर्षि  औरोबिन्दो के आश्रम में  श्री माते के देवों को भी अमर्त्या  और मृत्योर्माया --अमृत तत्त्व  के मुख से जीतना होगा ...
सावित्री के  सौ -शत -पुत्र  पिता  और ससुर के लिये ...?
 वन्दे मातरम् .....क्या माँ के प्यार वात्सल्या --भाव की भी कोई  भू -रेखा सीमा में बंधी ?