Thursday, August 16, 2012

 दीप  ज्योतिष्मती  से  जागृत  हो  ह्रदय  मन बुद्धि  आत्मन  सवित्र  सहयोगी....स्वकर्म --स्वधर्म  निभा कर  स्वस्ति  माता  और पिता  की  सेविता --देविता -सह्योगीनि   हो।..

माँ  महेश्वरी  से दिव्य  दृष्टि  --भविष्या सम्योज्यति  कुमारियो  को  ब्रह्म  वादिनी योग  की  प्रेरिता  हो

माँ  जगदीश्वरी की अम्बे  शक्ति से  गर्भावास्नियो की  सुरक्षा  कृषि  गौरक्ष्या हो ....पालनहार गोपाला ...

माँ  सरस्वती  की वीणा  से  आरोह अवरोह  दिव्य वर्चस्व  सुरेश्वरी  भाव  वात्सल्य  हो ...

माँ नैना देवी  की  कुमारियो  के  आह्वान  से गुंजित  कृष्ण साम यशोधरा  की प्राप्य  सवित्र  दानी हो ?

माँ  से  गायत्री होम यज्ञ उपासना  में ऋषि  --रिग-यजुर -साम -अथर्व  के गुरु  उपासक-साधिका  हो  दानी ?

आज  भारत  धरा  में  रामायण  के  उपासक  वीर  रक्षित  --संजेय   की दूर दृष्टि  से  प्रेरित  हो  ?

आज  भारत में  व्यास  रचित  महाभारत  में  श्री  कृष्ण--अर्जुन  संवाद  दैविक  --भाव बुद्धि  योगी हो ....

माँ  की वसुधरा  में   सतियो  की  विनीता  की शरण्ये  त्रिअम्बके --दैवी   अभीप्सा  --धैर्या --कृति ..रुचिरा दिव्या  ..जूही ...कुमारियो  की सुरक्षा  -- वेद  --विज्ञान गुरु  अध्यापिकाओं  की पाठशाला --गौशाला  हो ....

जय हिंद  ..जय हिन्दुस्तान  --सपनो  की उम्मींद  जगाओ ....
सर्व शिक्षा अभियान  देवियों को   शिक्षा  की आयाम  - में   माँ   के  ब्राह्मण सरस्वती  --सहयोग  पुनः ...

शांतिः   देवी  ..समां   रेधी ...विश्वानि --आर्यानी ...भवानी  ..रापः....पृथ्वी ..वनस्पतिः ...औषधि  -वैद्या -धनं )